Saturday, February 28, 2009
हर नज़र को एक नज़र की तलाश है, हर चहरे मे कुछ तोह एह्साह है, आपसे दोस्ती हम यूं ही नही कर बैठे, क्या करे हमारी पसंद ही कुछ "ख़ास" है. . चिरागों से अगर अँधेरा दूर होता, तोह चाँद की चाहत किसे होती. कट सकती अगर अकेले जिन्दगी, तो दोस्ती नाम की चीज़ ही न होती. कभी किसी से जीकर ऐ जुदाई मत करना, इस दोस्त से कभी रुसवाई मत करना, जब दिल उब जाए हमसे तोह बता देना, न बताकर बेवफाई मत करना. दोस्ती सची हो तो वक्त रुक जता है अस्मा लाख ऊँचा हो मगर झुक जता है दोस्ती मे दुनिया लाख बने रुकावट, अगर दोस्त सचा हो तो खुदा भी झुक जता है. दोस्ती वो एहसास है जो मिटती नही. दोस्ती पर्वत है वोह, जोह झुकता नही, इसकी कीमत क्या है पूछो हमसे, यह वो "अनमोल" मोटी है जो बिकता नही . . . सची है दोस्ती आजमा के देखो.. करके यकीं मुझपर मेरे पास आके देखो, बदलता नही कभी सोना अपना रंग , चाहे जितनी बार आग मे जला के देखो ♥♥♥
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